आमदनी पैदा करने के अवसरों का सृजन, क्षमता निर्माण और अंततः उद्यमिता को स्थायी विकास की शुरुआत के लिए एक कार्यनीतिक सम्पत्ति के रूप में महसूस किया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर एक ऐसा केंद्र शासित प्रदेश है, जो चुनौती और अवसरों का मिश्रण प्रस्तुत करता है, और हाल के दिनों में इसने नए उत्साह के साथ चुनौतियों का सामना करने की इच्छा प्रदर्शित की है। भारतीय प्रबंधन संस्थान जम्मू, जम्मू कश्मीर सरकार के साथ भागीदारी करने का प्रयास कर रहा है, ताकि उभरती हुई उद्यमिता और निचले स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने की चुनौतियों का सामना करने में सरकार की मदद की जा सके।
संस्थान निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नवाचार और उद्यमिता केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव करता है :
- ऊष्मायन और परामर्श सेवाएं प्रदान करके उद्यमिता को बढ़ावा देना और पोषित करना।
- स्थिति की समझ के साथ ज्ञान केंद्र का निर्माण करना और उसके समाधान विकसित करना।
- भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपेक्षित प्रबंधन विचार और पद्धतियों में सर्वश्रेष्ठ को आकर्षित और आत्मसात करना।
प्रस्ताविक केंद्र इन उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए निम्नलिखित गतिविधियां संचालित करेगा :
- राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में राज्य के संसाधनों में अनुसंधान को रेखांकित करना और राज्य के सामने समाधान प्रस्तावित करना।
- मौजूदा और संभावित उद्यमियों के बीच सूचना साझा करने के लिए व्यापार योजना प्रतियोगिता और नेटवर्किंग जैसी गतिविधियों का आयोजन करके उद्यमिता का विकास करना।
- उद्यमिता करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम और रूपरेखा विकसित करना।
जम्मू कश्मीर में नवाचार और उद्यमिता केंद्र की स्थापना से इस क्षेत्र में अनुशीलन और अनुप्रयोग के लिए उपलब्ध वर्तमान उत्कृष्ट पद्धतियों का अंतराल दूर करने में मदद मिलेगी। इस क्षेत्र में आय के नए अवसर पैदा होने और मानव संसाधनों के उन्नयन से नए और उदीयमान व्यापार के अवसर आकर्षित करने में मदद मिलेगी। इससे जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था का रूपांतरण करने और उसे व्यापार गतिविधियों का केंद्र बनाने में भी मदद मिलेगी।